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सुब्ह से है शाम तक अपना सफऱ, तुम कहो तो और भी आगे

सुब्ह से है शाम तक अपना सफऱ, 
तुम कहो तो और भी आगे चलेंगें।

रौशनी की बात आई ग़र कभी,
 रात के आधे पहर में हम जलेंगें।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #Sunrise 
#कविता_संगम
सुब्ह से है शाम तक अपना सफऱ, 
तुम कहो तो और भी आगे चलेंगें।

रौशनी की बात आई ग़र कभी,
 रात के आधे पहर में हम जलेंगें।

©सूर्यप्रताप स्वतंत्र #Sunrise 
#कविता_संगम