मुकाबला टक्कर का होग्या इब जम क लड़ागे बात जीन मरण की आगी कुछ करके मरांगे।। आज तक जो डरा ना पाए अब के खाक डरागें बात जीन मरण प आगी कुछ करके मरांगे।। बेटा बॉडर तो आज बाप भी बॉडर प खड्या है शहादत म्हारे खून म ना सोच किसान डरया है, कटड़ा भी मरज्या तू डुमनी लेकर आया करता गरीब गरीब कह क न खूब नीर बहाया करता आज इतनी मौता प भी चैन ते सो जावे है लाल कोन्या माँ का खामखा फोटू खिचवावे है अब जाके दिल्ली दरबार मे होक्का भरागे बात जीन मरण प आगी कुछ करके मरांगे।। गाम संग चाल वोट दूर को मांगया शीत भी ना देगा झोला ठाके कित्त जागा को भीख भी ना देगा दो घरा खातिर गाम न भुंडा बना रहया स गोभी म्हारी खोद के बला समझ नही रहे मेरे यार क्यों कत्तई पागल ला रहया स जिद रोटी बचना की हैअपनी बात प रहागे बात जीन मरण की आगी कुछ करके मरांगे, सत्य अहिंसा का था झूठों का देश बना दिया प्यार प्रेम थी म्हारी ताकत रुठया का देश ©Ashok baroda आंदोलन #Nature