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- शाम - शांत वातावरण......... ना किसी की आहट और

- शाम -

शांत वातावरण......... 
ना किसी की आहट और ना ही चिड़ियों की चहचहाट 
सिर्फ छिपता हुआ सूरज और लबों पे मुस्कराहट 
एक हलकी धुंधली सी शाम बस तेरी यादों के नाम 
कुछ फड़फड़ाते ख्वाब और कुछ बेमुक्कमली हंसी 
कुछ कपकपातें हर्फ़ और दिल जैसे कोई उदास सखी 
कुछ बल खाते हुए गीत और कुछ डगमगायी प्रीत 
कुछ जलील हुई रूह और कुछ बेतहासा जिस्म 
इन सब को सुलझाते हुए मैं खुद उलझ रहा था 
आज की शाम मैं तेरी यादों में झुलस रहा था 
उन लहराते पत्तों को देख तेरी चुन्नी याद आ जाती 
और फिर उस चुन्नी में तू भी कही दिख जाती 
यूं रकीब की तरह वो ठंडी हवा भी मुझे आज दर्द दे रही थी 
कुछ सुकुनाहट के चक्कर में तेरे स्पर्श का जख़्म दे रही थी 
मैं यूं  टुटा हुआ चाँद हुँ  जो सूरज के सामने टिक ना पाता हुँ 
और मैं यूं हर शाम तेरी यादों के सामने मैं झुलस जाता हुँ

- DEVANSH RAJPOOT #khubsuratalfaz #follow #sham #writer #storyteller
- शाम -

शांत वातावरण......... 
ना किसी की आहट और ना ही चिड़ियों की चहचहाट 
सिर्फ छिपता हुआ सूरज और लबों पे मुस्कराहट 
एक हलकी धुंधली सी शाम बस तेरी यादों के नाम 
कुछ फड़फड़ाते ख्वाब और कुछ बेमुक्कमली हंसी 
कुछ कपकपातें हर्फ़ और दिल जैसे कोई उदास सखी 
कुछ बल खाते हुए गीत और कुछ डगमगायी प्रीत 
कुछ जलील हुई रूह और कुछ बेतहासा जिस्म 
इन सब को सुलझाते हुए मैं खुद उलझ रहा था 
आज की शाम मैं तेरी यादों में झुलस रहा था 
उन लहराते पत्तों को देख तेरी चुन्नी याद आ जाती 
और फिर उस चुन्नी में तू भी कही दिख जाती 
यूं रकीब की तरह वो ठंडी हवा भी मुझे आज दर्द दे रही थी 
कुछ सुकुनाहट के चक्कर में तेरे स्पर्श का जख़्म दे रही थी 
मैं यूं  टुटा हुआ चाँद हुँ  जो सूरज के सामने टिक ना पाता हुँ 
और मैं यूं हर शाम तेरी यादों के सामने मैं झुलस जाता हुँ

- DEVANSH RAJPOOT #khubsuratalfaz #follow #sham #writer #storyteller