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आज नंन्दों के घर भौजी वैसे बुलाई जाती हैं जैसे दार

आज नंन्दों के घर भौजी वैसे बुलाई जाती हैं
जैसे दारू के ग्लास में पेप्सी मिलाई जाती है
तुम समझे होता तो कुछ भी नहीं है सोढ़ा से
फिर क्यों ये चकने में नींबू चटनी मिलाई जाती है
पं. अश्वनी कुमार मिश्रा
 #NojotoQuote
आज नंन्दों के घर भौजी वैसे बुलाई जाती हैं
जैसे दारू के ग्लास में पेप्सी मिलाई जाती है
तुम समझे होता तो कुछ भी नहीं है सोढ़ा से
फिर क्यों ये चकने में नींबू चटनी मिलाई जाती है
पं. अश्वनी कुमार मिश्रा
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