हज़ार ख़्वाहिशों का बोझ लिए चलते हैं, बदलने को तो इन आखो के मंजर कम नहि बदले।।तुम्हारी याद के मौसम हमारे गम नही बदले।।तुम अगले जन्म मे हमसे मिलोगी तब तो जानो गी।।सदी और इस जमांने कि बदल मे हम नहि बदले।। कुमार