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गली से कोई भी गुजरे तो चौंक उठता हूं , न‌ए मकान मे

गली से कोई भी गुजरे तो चौंक उठता हूं , न‌ए मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा...

फरेब दे कर तो तेरा जिस्म जीत लूं लेकिन  पेड़ काट कर कश्ती नहीं बनाऊंगा...।
गली से कोई भी गुजरे तो चौंक उठता हूं , न‌ए मकान में खिड़की नहीं बनाऊंगा...

फरेब दे कर तो तेरा जिस्म जीत लूं लेकिन  पेड़ काट कर कश्ती नहीं बनाऊंगा...।
dilenadan7587

DiL-e-Nadan

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