तुम हो क़ल्ब के जर्रे जर्रे से निकलती वो ग़ज़ल जो कर दे दिल से बहते हर अश्क का क़तल तुम्हारे आग़ोश में मिलती है सुकून की गर्माहट जैसे ठंड में भटकते परिंदे को मिल जाए मलमल तुम हो शौकीन नशीले जाम के तो क्यों ना तुम्हें दिला दूँ मयखाना क्योंकि वही है जैसे ताजमहल तुम ही बचाओ मुझे कोई ले ना जाऐ मुझे पागलों के शहर क्योंकि हो गई हूँ तुम्हारे इश्क़ में पागल तुम हो दास्तान-ए-इश्क़ की ग़ज़ल का वो शेर जिसे जिस वक्त पढूँ वो वक्त बने सुनहरा पल Tigress girl❣ Sorry to all jin logone tag kiya tha but jawab na de paai 😁😊😃😄 . . . 💐💐🌻poke karne ke liye shukriya🤗😍😘 Angry Bird Sehmat 💝