चलो सुनाये एक कहानी वीर सपूतों की अपनी ज़ुबानी था दिन वह १५-१६ जून २०२० का वास्तविक सीमा रेखा पर थे तैनात देश के वीर जवान श्योक नदी के गलवान घाटी में तापमान था -१५ डिग्री से नीचे लगभग5000 मीटर की थी ऊॅऺचाई फिर भी वहाॅ॑ वो डटे रहे सबके मन में एक ही बात थी देश का हित है सर्वोपरी जाति -धर्म की उनमें ना भावना थी कुछ दिन पहले 6 जून को मोल्डो में तनाव खत्म करने की बात हुई फिर भी लड़ाई की शुरुआत हुई धोखेबाजों के विरुद्ध हुई था उस देश का नाम चीन बना रहे थे वास्तविक सीमा रेखा पर सड़क डर था उनको विश्व की सबसे ऊंची हवाई पट्टी दौलत बेग ओल्डी की लेफ्टिनेंट जनरल के बीच बात हुई एक -दूसरे को पीछे हटने की गद्दारी करने से बाज ना आए धोखेबाज चीनी सिपाही घायल हुए देश के वीर जवान कुछ तो वहीं शहीद हुए हम सब उनको करते प्रणाम थे उनके नाम- कर्नल बी संतोष बाबू, हैदराबाद, तेलंगाना नायक सूबेदार एन सोरेन ,मयूरभंज, उड़ीसा नायक सूबेदार मनदीप सिंह, पटियाला, पंजाब नायक सूबेदार सतनाम सिंह, गुरदासपुर ,पंजाब हवलदार के पलनी, मदुरई, तमिलनाडु हवलदार सुनील कुमार, पटना, बिहार हवलदार विपुलराय ,मेरठ ,उत्तर प्रदेश नायक दीपक कुमार, रीवा ,मध्य प्रदेश सिपाही राजेश सोहरंग ,बीरभूम, पश्चिम बंगाल सिपाही कुंदन कुमार ओझा, साहिबगंज, झारखंड सिपाही गणेशराम, कांकेर, छत्तीसगढ़ सिपाही चंद्रकांत प्रधान ,कंधमाल, उड़ीसा सिपाही अंकुश, हमीरपुर ,हिमाचल प्रदेश सिपाही गुरविंदर, सघंरूर ,पंजाब सिपाही गुरतेज सिंह ,मनसा, पंजाब सिपाही चंदन कुमार ,भोजपुर ,बिहार सिपाही कुंदन कुमार ,सहरसा ,बिहार सिपाही अमन कुमार, समस्तीपुर ,बिहार सिपाही जय किशोर सिंह, वैशाली, बिहार सिपाही गणेश हंसदा , सिंहभूम, बिहार काश हम रूबरू होते उनसे सीखते लड़ाई कहाॅ॑ करना सही है कैसे बिना भेदभाव एक साथ रहे अपने घर- परिवार का नहीं सोचे कुर्बान देश के नाम हुए छोटा- सा था उनका मकान जिस में बसा हुआ था प्यार प्यार का बगिया उजड़ गई वीरगति उन्हें प्राप्त हुई # shahid