इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है तेरी याद में आज भी मेरा तकिया भीगता है तेरे मेरे दरमियान कुछ ना होने के बावजूद भी कुछ तो है जो मुझे तेरी ओर खींचता है #hmariadhurikhani