ऐ दद॔ थोड़ी तो लेहाज़ किया कर, कभी भी, आँखों से छलकने लगता है। है थोड़ी बहुत इज़्ज़त, हमारी भी, यूँ ही सरेआम, बदनाम किआ करता है। #दद॔