बैठे है चैन से कही जाना तो है नहीं, तेरे शिवा कहीं ठिकाना तो है नहीं।। भुला दिया उसने कोई गिला नहीं, हमको तो उनको भुलाना तो है नहीं।। देख लेते अब उन यादों को पलटकर, हमको यादों को मिटाना तो है नहीं।। उदास हूं तो उदासी में बैठेंगे, मुस्कुरा कर छुपाना तो है नही।। मुस्कुरा लिया तो आसूं आ गए थे, अब कभी मुस्कुराना तो हैं नहीं।। हम क्यों गुजरे उस सड़क से, जिस पर कोई मैंखाना तो है नही।। इश्क हुआ था तुझसे मुझे इस जहां में, अब किसी को जिंदगी में लाना तो है नहीं।। ©Satya Writer #Trees #jindgi #mohabbat #Mekhana #javani