वादें टूट जाते हैं जब बहुत दर्द होता है.. तिरिस्कृत सा महसूस करते है हम.. जब हमें एक ख़ाली कोना भरने की वस्तु समझा जाता है... जो बस मन बहलाने के लिए .. एक खिलौना मात्र है जब जी चाहा प्रेम कर लिया ...इस्तमाल कर लिया जब जी चाहा भूल गए..... क्यों हमारी याद बस गम या तक़लीफ़ों में ही आती है क्या हम ख़ालीपन भरने का कोई ज़रिया है.. क्या हमारे अंदर कोई दिल नहीँ धड़कता... हम तो जुड़ते हैं प्रेम के लिए,समर्पण के लिए.. इज्जत और परवाह के लिए... क्यों हमें हमेशा ही समझौते करने पड़ते है क्यों हमारे अंदर ख़ालीपन आता है.... और इंतिज़ार #Wadeen