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भंडारी शिव, बन जाऊँ मैं तेरे चरण का दास। हृदय पुष

भंडारी शिव, बन जाऊँ मैं तेरे चरण का दास।
हृदय पुष्प को अर्पित कर दूं तुमको स्वामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर, विनती सुन लो अंतर्यामी।
नील कंठ बम भोले शंकर, संग में आदि भवानी।
बम भोले-बम भोले ,स्वामी जगत पति शिव शंभु।
चरण-शरण तुम्हारे आया ,लेकर मन विश्वास।।

उमा पति हे देव-महादेव, डमरू नाद सुनाओ।
विपदा अनल पड़ी है भोले ,कृपा दृष्टि बरसाओ।
शरण में ले-लो दीन जान कर ,भोले दरश दिखाओ।
दुसह पड़ी है विपदाएँ, स्वामी अभय अमी दे जाओ।
कहूं तुम्हें क्या हूं बीच भंवर में, पार लगाओ नैया।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया, लेकर मन विश्वास।।

बम-बम भोले-औढर ढरण ,महाकाल प्रभू मेरे।
कण-कण में बसने बाले, प्रभु कहां तुम्हें हम हेरे।
काल-कराल विपदाएँ डरपाएँ ,पड़े अजब है फेरे।
जगत पति हे करुणा सिंधु, प्रभु द्वार पड़ा हूं तेरे।
अशरण जान शरण में ले-लो, प्रभु वरद हस्त बढाओ।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया ,लेकर मन विश्वास।।

हे जगत पति-ज्योति लिंग मय, तेरी महिमा गाऊँ।
हर भोले-बम भोले, नाथ दिगंबर तुम्हें मनाऊँ।
औढर ढरण प्रभु दीनबंधु हो, विनती तुम्हें सुनाऊँ।
हरते हो विपदाएँ शिव, भय हारी भय को तुम्हें बताऊँ।
प्रबल नाद से डमरू के स्वर, बम भोले अब तो छेड़ो।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया ,लेकर मन विश्वास।।

हे गिरिजा पति हे बम भोले ,दया दृष्टि तो कर दो।
शरण में ले-लो दीन जान कर, खाली झोली भर दो।
आया हूं शरण तिहारे स्वामी, अभय दान का वर दो।
हे करुणा मय-हे त्रिपुरारी ,सिर वरद हस्त को धर दो।
नील कंठ स्वामी भोले अभ्यंकर ,मैं तेरा हो जाऊँ।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया, लेकर मन विश्वास।।

©Madanmohan Thakur (मैत्रेय) #शिवभक्ति  Rakesh Srivastava Amaanat Riya Soni S C Tiwari
भंडारी शिव, बन जाऊँ मैं तेरे चरण का दास।
हृदय पुष्प को अर्पित कर दूं तुमको स्वामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर, विनती सुन लो अंतर्यामी।
नील कंठ बम भोले शंकर, संग में आदि भवानी।
बम भोले-बम भोले ,स्वामी जगत पति शिव शंभु।
चरण-शरण तुम्हारे आया ,लेकर मन विश्वास।।

उमा पति हे देव-महादेव, डमरू नाद सुनाओ।
विपदा अनल पड़ी है भोले ,कृपा दृष्टि बरसाओ।
शरण में ले-लो दीन जान कर ,भोले दरश दिखाओ।
दुसह पड़ी है विपदाएँ, स्वामी अभय अमी दे जाओ।
कहूं तुम्हें क्या हूं बीच भंवर में, पार लगाओ नैया।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया, लेकर मन विश्वास।।

बम-बम भोले-औढर ढरण ,महाकाल प्रभू मेरे।
कण-कण में बसने बाले, प्रभु कहां तुम्हें हम हेरे।
काल-कराल विपदाएँ डरपाएँ ,पड़े अजब है फेरे।
जगत पति हे करुणा सिंधु, प्रभु द्वार पड़ा हूं तेरे।
अशरण जान शरण में ले-लो, प्रभु वरद हस्त बढाओ।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया ,लेकर मन विश्वास।।

हे जगत पति-ज्योति लिंग मय, तेरी महिमा गाऊँ।
हर भोले-बम भोले, नाथ दिगंबर तुम्हें मनाऊँ।
औढर ढरण प्रभु दीनबंधु हो, विनती तुम्हें सुनाऊँ।
हरते हो विपदाएँ शिव, भय हारी भय को तुम्हें बताऊँ।
प्रबल नाद से डमरू के स्वर, बम भोले अब तो छेड़ो।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया ,लेकर मन विश्वास।।

हे गिरिजा पति हे बम भोले ,दया दृष्टि तो कर दो।
शरण में ले-लो दीन जान कर, खाली झोली भर दो।
आया हूं शरण तिहारे स्वामी, अभय दान का वर दो।
हे करुणा मय-हे त्रिपुरारी ,सिर वरद हस्त को धर दो।
नील कंठ स्वामी भोले अभ्यंकर ,मैं तेरा हो जाऊँ।
चरण-शरण स्वामी तेरे आया, लेकर मन विश्वास।।

©Madanmohan Thakur (मैत्रेय) #शिवभक्ति  Rakesh Srivastava Amaanat Riya Soni S C Tiwari