Nojoto: Largest Storytelling Platform

हमारा भी ख़्वाब था की हम भी बनाते आशियाँ कोई। पर मा

हमारा भी ख़्वाब था की हम भी बनाते आशियाँ कोई।
पर माज़ी पर टिकी इमारतों ने मुस्तक़बिल ढहा दिया।। #faizks #poetry
हमारा भी ख़्वाब था की हम भी बनाते आशियाँ कोई।
पर माज़ी पर टिकी इमारतों ने मुस्तक़बिल ढहा दिया।। #faizks #poetry
faizahmad6196

Faiz Ahmad

New Creator