बचा टूटने से तो पत्थर बनेगा ये मज़लूम कल का सितमगर बनेगा नमी सब्र की चंद क़तरे वफ़ा के इसी रेत में इक समन्दर बनेगा सलीबों को सजदा करेगी अकीदत वहम ग़मज़दों का पयमबर बनेगा न पाएगी ख्वाहिश कभी बादशाहत बना तो इरादा सिकन्दर बनेगा @shayeranablog #Shayerana