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वे अड़भंगी मलंग सा। भस्म रमाए मतंग सा। गर में नाग

वे अड़भंगी मलंग सा।
भस्म रमाए मतंग सा।

गर में नाग की माला।
त्रयम्बक में है ज्वाला।

नाशे संकट का काला।
कंठ जहर का है प्याला।

जटा में गंगा की बहती धारा।
उसके ऊपर चंद्र का उजाला।

अपना तो एक की सरकारा।
जय जय भोले का जयकारा।

~~शिवानन्द #हरहरमहादेव #शिव #भोलेनाथ
 #नीलकंठ #सावन #yqbaba
 #yqdidi #yqquotes
वे अड़भंगी मलंग सा।
भस्म रमाए मतंग सा।

गर में नाग की माला।
त्रयम्बक में है ज्वाला।

नाशे संकट का काला।
कंठ जहर का है प्याला।

जटा में गंगा की बहती धारा।
उसके ऊपर चंद्र का उजाला।

अपना तो एक की सरकारा।
जय जय भोले का जयकारा।

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