ख़तरनाक है संवेदनाओं का हार जाना -प्रिंसी मिश्रा (कविता को कैप्शन में पढ़ें) ख़तरनाक है  ख़तरनाक है शोर का खामोशी से मर जाना, चीख का घुट के रह जाना,