भूल गए तुम यार जिन्हें वो पागल पागल लगते हैं बिन जख्मों का लिये बदन वो घायल घायल लगते हैं मारे मारे फिरते हैं वो ज्यों अम्बर में मेघ सच पूछो तो यार तेरे अब बादल बादल लगते हैं पागल पागल लगते हैं