दिल से शुक्रिया यार तुम्हें मुझे मेरी औकात बताने को शायद कम पड़ गई थी ना मेरी चाहत तुम्हें पाने की छोटे थे ना मेरे ख्वाब ज़िन्दगी तुम्हारे साथ बिताने को पर दिखाएं तो तुमने ही थे ना ये दो से एक हो जाने को तुमने तो वादा किया था ना मेरे लिए अपनों से लड़ जाने को और तुमने तो खाना भी छोड़ दिया था अपनी जिद पाने को यार तुमने कितना झूठ बोला था मुझे पागल बनाने को और मैं हकीकत में पागल हो गया था सिर्फ तुम्हे पाने को लड़ बैठा था यार से जब उसने कहा छोड़ इस फसाने को पर मैं समझ नहीं पाया था कि मेरे पास कुछ नहीं है तुम्हें पाने को मैंने मना किया था ना किसी के सामने झुक जाने को और तुम झुक गए एक गैर के साथ ज़िन्दगी बिताने को तीन दिन धुआं उड़ाया था बस एक बात दिल में बैठाने को की अब कुछ नहीं बचा है बात फिजूल में आगे बढ़ाने को आंसू बह रहे थे वो शादी वाली बात दिल में उतारने को मैंने दारू भी थी वो साथ देखे गए ख्वाब हवा में उड़ने को एक बात तुम्हारी जरूर मेरी रूह को छू गई जो बाकी है अभी बताने को तुमने पल भी नहीं लगाया मेरी चाहत कितनी बकवास थी मुझे ये बताने को तुमने मना किया था ना हमारी मोहब्बत के किस्से किसी को सुनाने को पर एक कविता के जरिए मैंने सब कुछ सुना दिया जमाने को #_दास्तान मेरी_ht