साँप हो चला, हर कोई जहाँ में फिर क्यों नंगा सपेरा होता है । एक गिलास पानी माँगना है हराम खुद पीले वरना खड़ा बखेरा होता है । ©️✍️ सतिन्दर नज़्म होता है 4 & 5 साँप हो चला, हर कोई जहाँ में फिर क्यों नंगा सपेरा होता है । एक गिलास पानी माँगना है हराम खुद पीले वरना खड़ा बखेरा होता है । ©️✍️ सतिन्दर