पिता! ऐसी दुआ दे दो जहाँ ज़िन्दगी मौत को छेड़े और करे अठखेलियाँ आफ़तों पर छा जाए बनकर आफ़त जिससे थोड़ी सँवर जाए दुनिया यूँ तो बहुत हैं झूठी हँसी के अफ़साने सच्ची ख़ुशी की कहानियाँ भी हों क़ीमत जो ज़िन्दगी माँगे ख़ुशी जो हम चाहें # पिता! कुछ तो इलाज हो ज़िन्दगी का