उसकी याद में हरपल ये बेक़रार रहती हैं। मायूस निगाहें उसका ही इंतज़ार करती है। उसको फ़र्क़ नहीं पड़ता मैं जियूँ या मरूँ। तन्हाई भी मुझसे सवाल हज़ार करती है। कौन उसे अब समझाए क्या हाल है मेरा। धड़कनें भी मेरी उसको पुकार करती हैं। साँझ-सबेरे मन में मेरे एक ही उथल-पुथल। क्यूँ तू उस बेदर्दी से इतना प्यार करती है। कैसे बतलाऊँ दिल में वो कितना घर कर गया। उसके बिना साँसें आने-जाने से इंकार करती हैं। हाल मेरा न समझेगा वो, किस बात को है तका। क्या उसकी आँखें मेरे मरने का इंतज़ार करती हैं। कह दो उसे कि वापस आ जाए पास अब मेरे। उसकी सनम उससे बेइंतहा प्यार करती है। ♥️ Challenge-816 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।