कभी खुशी की आशा कभी गम की निराशा, कभी खुशियों की धूप कभी हक़ीक़त की छाया, कुछ खोकर कुछ पाने की आशा, शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा…… ©Adesh Digital Photography #Hum adesh digital magazine