भागते भागते मन थक सा गया अब जिंदगी के किसी ठौर पर ठहराव चाहिए रुकना चाहती है सरपट सी साँसें अब मिट्टियों के किसी ढ़ेर पर पड़ाव चाहिए उठ नहीं पाते बीते वादों के बोझ अब तन्हाई के किसी दर पर लगाव चाहिए गुलाब के गुलदस्ते कँटीले हो गए अब मनमर्ज़ी के किसी मोड़ पर मूड़ाव चाहिए बेबसी बेहद बेमिसाल हो रही है अब जख्मों के इस जर्रे पर पायाबी नाव चाहिए भागते भागते मन थक सा गया अब जिंदगी के किसी ठौर पर ठहराव चाहिए #कहानीचलतीरहतीहै #कहानीसोरहीहै #किरदार #किस्से #कहानी #forchange #inspiration #charteredaccountant