रास्ते ना जाने किस मोड़ पर ले जाएंगे, राह के रोड़े ना जानें कब तक राहों में आएंगे। खुशियों की तलाश में जीवन की आशा लिए हम ना जानें कब से आस में हैं, अब लगता है कि जैसे सफ़लता वाली वो चमकती घड़ी हमारे बहुत पास है। ©jyoti gurjar #खुशिया