सामाजिक समस्या: नशाखोरी सोने की चिड़िया था देश हमारा, जाने किसकी नज़र खा गई, नशे में डूबा हर नौजवान,कभी बेरोज़गारी कभी अमीरी खा गई। कोई ढूंढे बहाना खुशी में पिलाने का,किसी को गम भुलाने के लिए शराब भा गई । मातृभूमि है उदास, उसके बेटों को शराब की लत कहां से आ गई। #rzमहफ़िल #rzमहफ़िल1 #restzone #yqrestzone #rzजज़्बाती_दिल