"दो शब्द" गुरु के नाम देख ना पाते वो नज़ारा, अगर तुम दिखाने वाले ना होते।। देते ना साथ किसी का, अगर तुम मदद करने का पाठ ना पढ़ाते ।। करते ना प्यार किसी को, अगर तुम प्यार करके ना दिखाते।। रहते अकेले और चुप, अगर तुम बोलने का सबक ना सिखाते।। तुम कहने को तो बस एक इंसान हो, पर हम सीखने वालो के लिये तो तुम भगवान हो।। इतना तो माता पिता भी नही सोचते, इतना तो माता पिता भी नही सोचते, जितना तुम सोच के सोते हो।। कल क्या करना है, क्या पढ़ाना है मन ही मन गढ़ते रहते हो।। अंदाज़ तुम्हारा अलग होता है, नकल थोड़ी सी हम भी कर लेते है यक़ीन मानिए गुरुजी! नकल कर हम तुमको जी लेते है।। तुम हर मोड़ पे साथ खड़े थे खड़े हो, "बेटा एग्जाम में अच्छे से लिखना तुम बहुत कुछ भूल जाते हो, सब याद रखना मैथ्स में सिली मिस्टेक मत करना साइंस में क्वेश्चन ध्यान से पढ़ना " ऐसी न जाने कितनी बाते कर मुझे बेहतर बनाते हो। मैं तुम्हारे बिना भी चल सकता हूँ, ऐसा खुद ही समझते हो।। अद्भुत गुण है ना ये तुम्हारा, साथ भी देते हो,और अकेले लड़ना भी सिखाते हो।। मुसीबत से हार मत मानना बेटा, ये लगातार समझाते हो।। जो कर दूँ मैं कुछ अच्छा, गर्व से मुस्कुराते हो ग़लती करने पर हक़ से समझाते हो।। अपना ही बच्चा है, आगे से ग़लती नहीं करेगा कभी कभी तो मेरे माँ बाप को समझाते हो। मैं एक साधारण बच्चा नहीं हूँ, बहुत कुछ कर सकता हूँ, ये मुझे बार बार समझाते हो।। माफ़ करना गुरु जी! आजकल दौर कुछ बुरा आ गया है। आपकी इज़्जत में थोड़ा फ़र्क आ गया है पर यकीन मानिए हर वो बच्चा जिसे आपने पढ़ाया हैं, आपके लिए खड़ा है आपके साथ कभी कुछ ग़लत नही होगा इस बात पर अड़ा है। आपके कामों को भूलने वालों को मैं यही कहना चाहूँगा, ऐ.......माली पर शक करने वाले लोगों, अगर ये माली तुम्हारी बगिया को ना सँवारता तो, कभी ना लिख पाते तुम शिकायती पत्र, रख न पाते अपनी बातों को, बोल न पाते कही अपने जज़्बातों को।। कुछ ग़लती होती हैं इनसे तो, सुधार भी लेंगे। कुछ ग़लत कह दिया होगा तो, मान भी लेंगे। ये गुरु जात है दुसरो को सुधारने में कसर नही छोड़तीं, तो अपने आप को कैसे छोड़ देगी ? तुमसे बस यही कहना है, गुरु का सम्मान करो उसका अपमान करके पाप के भागीदार ना बनो।। उसका अपमान करके पाप के भागीदार ना बनो।। #poetryunplugged ©pooja bajaj #poetryunplugged #forteachers