मैं एक ऐसी दुनियां देखना चाहता हूँ.. जहाँ स्त्री अपने ढंग से जिए, पुरुष अपने ढंग से जिए, अगर दोनों का मिलन हो जाए तो ठीक, लेकिन मिलन का मतलब गुलामी न हो, मिलन का मतलब मैत्री हो.. ©K V Dalwadi Anshu writer