उसने , मेरी खामोशियाँ समझनी छोड़ दी, अब मैं भी उसके शब्दों में उलझना छोड़ रही हूँ। वो मुख़तसर बनना चाहे , किसी और का शयद, अब मैं भी उसके ख़्वाबों में भटकना छोड़ रही हूँ।। उसने मेरी खामोशियाँ समझनी छोड़ दी, अब मैं भी उसके शब्दों में उलझना छोड़ रही हूँ। वो मुख़तसर बनना चाहे , किसी और का शयद, अब मैं भी उसके ख़्वाबों में भटकना छोड़ रही हूँ। #rendom_thoughts #morningnew #immatureink