#कहो_ना दूर से कब तक निहारा करूँगा। आ जाओ, इश्क दुबारा करूँगा।। तुम रहो मशगूल खयालों में ही, दिल से तुझको पुकारा करूँगा।। नजरें करम अब तो बरसा भी दो जुल्फें यूं कब तक संवारा करूँगा कोशिश यही कि सदा मुस्कुराओ, आंसू कभी ना मैं गंवारा करूँगा।। चलोगे संग क्षितिज तक जो मेरे, सारे जहाँ से भी किनारा करूँगा।। दिन-रात बस तेरा मेरा साथ हो, इजाजत दो, ऐसे गुजारा करूँगा।। #गिरीश 27.07.2018 कहो