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तेरी याद उठ जा सुबह हो गई,कितना सोएगा? ये होती थ

तेरी याद

उठ जा सुबह हो गई,कितना सोएगा?

ये होती थी मेरे कानो में पड़ने वाली दिन की सबसे पहली आवाज़,

मेरी आंख खुलती और मेरी चाय मेरे सामने होती थी,

कैसे तू रात को सबसे बाद में सोकर भी सबसे पहले उठ जाती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

याद है मुझे,मेरा सारा काम करके ,पापा को ऑफिस भेज कर तू खाती थी,

मैं तो मौज- मस्ती,पार्टी कर लेता था,पापा भी कहीं घूम आते थे पर तू कहीं नहीं जाती थी।

जब भी ग़लती होती मुझसे, डांटा तो तू ख़ूब करती थी,

पर मेरे रूठ जाने पर मुझे मनाने में तेरी कोई कसर बाकी ना रहती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

एग्जाम्स मेरे होते थे पर मेहनत तू भी कम नहीं करती थी,

जो मुझे लेसेंस याद नहीं होते तो मेरे साथ रात को तू भी जगती थी।

मेरे अच्छे नंबरों से पास हो जाने की फ़िक्र सबसे ज़्यादा तूझे होती थी,

ना जाने कितने लड्डों का वादा कर भगवान से ,मुझे पास कराने के बाद ही चैन की सांस तू लेती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

समय बढ़ता गया, मैं, मेरी उम्र,मेरे दोस्त सब बदलते गए पर तू कैसे बिल्कुल बदली नहीं,

मेरी कोई भी परेशानी,कोई भी दिक्कत को ना जाने कैसे तू अपने जादू की छड़ी से कर देती थी सही।

मुझ जैसे सैतान बच्चे को ना जाने कैसे तू संभाल लेती थी,

मुझे समझाती, हंसाती और फिर सोने को अपनी गोद देती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

तेरे ज़्यादा टोकने से, पूछने से मैं तुझसे नाराज़ हो जाया करता था,

तू तब भी मेरा ख़्याल पूरा रखती थी चाहे कितना भी मैं तुझसे लड़ जाया करता था।

एक बार मोटोसाइकिल से गिरकर मेरे सिर पर थोड़ी सी चोट क्या लग गई थी,

मेरी चट्टान सी मजबूत मां,तू उस दिन कमज़ोर कैसे पड गई थी?


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

इस शहर ने मुझे दिया बहुत कुछ पर मुझे तुझसे दूर कर दिया,

यहां की चकाचौंध और व्यस्त जीवन में मैंने तेरी ममता,तेरा प्यार सब कुछ खो दिया।

भाग कर,तेरे पास आकर,तेरे हाथ की बनी रोटी खाना चाहता हूं,

इस पिज़्ज़ा, बर्गर, चाइनीज को हमेशा-हमेशा के लिए भूला देना चाहता हूं।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

तू जो वहां मेरी बातें सुन ले या हालत मेरी देख ले फिर तू भी रो पड़ेगी,

तेरे बिना रह तो रहा हूं पर बिन तेरे ये ज़िन्दगी बड़ी मुश्किल से कटेगी।

जैसे तू रखती थी अपने इस लाडले का ख़्याल वैसे मैं नहीं रख पाता हूं मां,

जितना भी जतन कर लूं पर रोज़ कुछ ना कुछ भूल ही जाता हूं मां।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

सच कहता हूं सिर्फ फोन पर बात कर लेने से जी नहीं भरता मेरा,

क्यूं काबिल बना दिया इतना कि वक़्त ही नहीं निकाल पाता तुझसे मिलने को ये बेटा तेरा?

जैसे तू बचपन में मुझे जगाया करती थी वैसे ही आज अपने आंचल के नीचे ,चूम कर मुझे सुला ले मां,

तेरा प्यार है इतना अनमोल जिसे कुछ शब्दों में बयां करने की औकात नहीं है मेरी, बस अब अपने पास मुझे बुला ले मां।

                                             ©प्रकाश

 #NojotoQuote तेरी याद #NojotoMumbai4
तेरी याद
तेरी याद

उठ जा सुबह हो गई,कितना सोएगा?

ये होती थी मेरे कानो में पड़ने वाली दिन की सबसे पहली आवाज़,
तेरी याद

उठ जा सुबह हो गई,कितना सोएगा?

ये होती थी मेरे कानो में पड़ने वाली दिन की सबसे पहली आवाज़,

मेरी आंख खुलती और मेरी चाय मेरे सामने होती थी,

कैसे तू रात को सबसे बाद में सोकर भी सबसे पहले उठ जाती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

याद है मुझे,मेरा सारा काम करके ,पापा को ऑफिस भेज कर तू खाती थी,

मैं तो मौज- मस्ती,पार्टी कर लेता था,पापा भी कहीं घूम आते थे पर तू कहीं नहीं जाती थी।

जब भी ग़लती होती मुझसे, डांटा तो तू ख़ूब करती थी,

पर मेरे रूठ जाने पर मुझे मनाने में तेरी कोई कसर बाकी ना रहती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

एग्जाम्स मेरे होते थे पर मेहनत तू भी कम नहीं करती थी,

जो मुझे लेसेंस याद नहीं होते तो मेरे साथ रात को तू भी जगती थी।

मेरे अच्छे नंबरों से पास हो जाने की फ़िक्र सबसे ज़्यादा तूझे होती थी,

ना जाने कितने लड्डों का वादा कर भगवान से ,मुझे पास कराने के बाद ही चैन की सांस तू लेती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

समय बढ़ता गया, मैं, मेरी उम्र,मेरे दोस्त सब बदलते गए पर तू कैसे बिल्कुल बदली नहीं,

मेरी कोई भी परेशानी,कोई भी दिक्कत को ना जाने कैसे तू अपने जादू की छड़ी से कर देती थी सही।

मुझ जैसे सैतान बच्चे को ना जाने कैसे तू संभाल लेती थी,

मुझे समझाती, हंसाती और फिर सोने को अपनी गोद देती थी।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

तेरे ज़्यादा टोकने से, पूछने से मैं तुझसे नाराज़ हो जाया करता था,

तू तब भी मेरा ख़्याल पूरा रखती थी चाहे कितना भी मैं तुझसे लड़ जाया करता था।

एक बार मोटोसाइकिल से गिरकर मेरे सिर पर थोड़ी सी चोट क्या लग गई थी,

मेरी चट्टान सी मजबूत मां,तू उस दिन कमज़ोर कैसे पड गई थी?


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

इस शहर ने मुझे दिया बहुत कुछ पर मुझे तुझसे दूर कर दिया,

यहां की चकाचौंध और व्यस्त जीवन में मैंने तेरी ममता,तेरा प्यार सब कुछ खो दिया।

भाग कर,तेरे पास आकर,तेरे हाथ की बनी रोटी खाना चाहता हूं,

इस पिज़्ज़ा, बर्गर, चाइनीज को हमेशा-हमेशा के लिए भूला देना चाहता हूं।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

तू जो वहां मेरी बातें सुन ले या हालत मेरी देख ले फिर तू भी रो पड़ेगी,

तेरे बिना रह तो रहा हूं पर बिन तेरे ये ज़िन्दगी बड़ी मुश्किल से कटेगी।

जैसे तू रखती थी अपने इस लाडले का ख़्याल वैसे मैं नहीं रख पाता हूं मां,

जितना भी जतन कर लूं पर रोज़ कुछ ना कुछ भूल ही जाता हूं मां।


अब तेरी याद बहुत आती है,हां मां!तू अब मुझे अक्सर रुलाती है..

सच कहता हूं सिर्फ फोन पर बात कर लेने से जी नहीं भरता मेरा,

क्यूं काबिल बना दिया इतना कि वक़्त ही नहीं निकाल पाता तुझसे मिलने को ये बेटा तेरा?

जैसे तू बचपन में मुझे जगाया करती थी वैसे ही आज अपने आंचल के नीचे ,चूम कर मुझे सुला ले मां,

तेरा प्यार है इतना अनमोल जिसे कुछ शब्दों में बयां करने की औकात नहीं है मेरी, बस अब अपने पास मुझे बुला ले मां।

                                             ©प्रकाश

 #NojotoQuote तेरी याद #NojotoMumbai4
तेरी याद
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उठ जा सुबह हो गई,कितना सोएगा?

ये होती थी मेरे कानो में पड़ने वाली दिन की सबसे पहली आवाज़,
prakashdilse7111

Prakash

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