ज़िन्दगी नाराज़ मत हो, खूब तराशना अभी बाकी है साँसे आ-जा रही है, धुएँ सा जलना अभी बाकी है कश्तियाँ डूबती नही है, तुफान से डर कर कभी मौजों की रवानी पर, गिरना-उछलना अभी बाकी है कितने ख्वाँब बुने थे मैने, इस दिल की गहराई से उन ख्वाँबों को हक़ीक़त से, जोड़ना अभी बाकी है परेशान होती हूँ तो, ना समझ हार चूकी हूँ मै हौसले बुलंद है, बस उड़ान भरना अभी बाकी है कौन कहता है कि मंजिल सभी को मिलती नही ज़िन्दगी, मेरी दास्ताँ मेरे हाथो, लिखना अभी बाकी है जब देखो तब तू हमसे रूठ जाती है। इतना भी नहीं देखती कि तेरे ही लिए तो हम जी रहे हैं, मर रहे हैं। #नाराज़मतहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi