ये सुरमई शाम जैसे जैसे ढलणे लगती हैं.... तुम्हारी यादो से दिल की धडकने और तेज होणे लगती हैं.... न जाणे कैसी कशिश हैं तुम्हारे इन यादो में भी, जितना भुलाणा चाहू, उतनीही याद आणे लगती हैं... सुमेध #तेरी याद #महाराष्ट्र कवी #पुणेकर #प्रेमकवी