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शब्द मेरे कम सही मगर.....हृदय से कहती हूं। माना की

शब्द मेरे कम सही मगर.....हृदय से कहती हूं।
माना की आता नहीं....मुझे तुम्हे मनाना।

ए मेरे यार गर तू पढ़ सकता....तो,

इन आंखों में देख पाता....
अल्फाज़ मेरे दिल पर जो लिखे है।

©Heer #“प्रेम”  poetry
शब्द मेरे कम सही मगर.....हृदय से कहती हूं।
माना की आता नहीं....मुझे तुम्हे मनाना।

ए मेरे यार गर तू पढ़ सकता....तो,

इन आंखों में देख पाता....
अल्फाज़ मेरे दिल पर जो लिखे है।

©Heer #“प्रेम”  poetry
heertrivedi5954

Heer

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