शब्द मेरे कम सही मगर.....हृदय से कहती हूं। माना की आता नहीं....मुझे तुम्हे मनाना। ए मेरे यार गर तू पढ़ सकता....तो, इन आंखों में देख पाता.... अल्फाज़ मेरे दिल पर जो लिखे है। ©Heer #“प्रेम” poetry