लो हो गयी रुख्शत वो बातें याद आएंगी खड़ा हूँ धूप में फिर से वो छाएँ याद आएंगी वो पलकें झुकना उठना फिर गिर के शरमाना मैं सबकुछ भूल जाऊंगा पर ये बातें याद आएंगी लो हो गयी रुख्शत ये बातें याद आएंगी वो आंखे तेरी कजरारी वो गलों की लाली प्यारी वो घबराती आँखों से छोड़ी गयी तीर की चुभन प्यारी वो आकर सामने मुड़कर फिर से पीछे मुड जाना मैं सबकुछ भूल जाऊंगा पर ये बातें याद आएंगी लो हो गयी रुख्शत ये बातें याद आएंगी यादें २