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*तेरा साथ है कितना प्यारा* बचपन की दहलीज लांघकर,

*तेरा साथ है कितना प्यारा*

बचपन की दहलीज लांघकर, जब रखा नये जीवन में कदम।
नहीं अकेला पाया खुद को, साथ में तुम जो थे हमदम।

खुशी शोक हो धूप छांव हो, जैसी भी हो कोई डगर
हर पल मेरे साथ चले तुम बनकर सच्चे हमसफर।

देखा तुमको हंसते रोते, रूठे कभी तो कभी मनाया।
है अनमोल वह हर एक पल जो मैंने तेरे साथ बिताया। 

तू ही जमी आसमा भी तू ही, तू ही मेरा जहान सारा
कैसे लफ्जों में कह पाऊं तेरा साथ है कितना प्यारा। #Tera sath
*तेरा साथ है कितना प्यारा*

बचपन की दहलीज लांघकर, जब रखा नये जीवन में कदम।
नहीं अकेला पाया खुद को, साथ में तुम जो थे हमदम।

खुशी शोक हो धूप छांव हो, जैसी भी हो कोई डगर
हर पल मेरे साथ चले तुम बनकर सच्चे हमसफर।

देखा तुमको हंसते रोते, रूठे कभी तो कभी मनाया।
है अनमोल वह हर एक पल जो मैंने तेरे साथ बिताया। 

तू ही जमी आसमा भी तू ही, तू ही मेरा जहान सारा
कैसे लफ्जों में कह पाऊं तेरा साथ है कितना प्यारा। #Tera sath