" जिंदादिली से जीता हूं, बेखौफ हंसता हूं, मैं एक मदहोश परिंदा हूं बादलों में गोते लगाते हुए आगे बढ़ता हूं,ना पता है किसी मंज़िल का, ना कोई डर है किसी अनजाने का, ना चाहत है कुछ पाने कि ना खोने का कोई गम है, दूर दूर तक कुछ नजर नहीं आ रहा बस उड़ते चले जा रहा हूं, आसमां को चीरते चले जा रहा हूं। मैं हूं एक परिंदा जिसका आशियाना ये पूरा जहां है " #yqbaba #yqtales #yqquotes #mazil #parinda