#दाबू की पुण्या तुमको देखा नहीं तो क्या, दिल से मिल चुका हूं तुझे, तू गुनगुनी धूप सी जाड़े की, शरारत से भरी इतराती हुई, तू चांदनी सी शीतल भी है, मन आंगन सुगन्ध बरसाती, खुशी से उदासी दूर भगाती, तू जैसी है... सदा वैसी रहे,