उनके याद में लिखे हर शब्दों को पढ़ लेता हूं. कितने दिनों से बिछड़े जाने क्यों सोचता रहता हूं. कोरोना ने बहुत बंदीसे से लगा रखी है दोनों में. कब आएंगे उनकी राहों को हमेशा निहारा करता हूं.. ✍️🙏rajni kant dixit(अधूरा ख्वाब ).. #Dosti good night..