सुनो ना! सुनो ना ! क्या समझते हो मेरी बेचैनी को तुम क्या जानते हो मेरे अनजाने डर को जो तुम्हें खोने का रहता है मेरे दिल में (अनुशीर्षक में पढ़ें) सुनो ना! सुनो ना ! क्या समझते हो मेरी बेचैनी को तुम क्या जानते हो मेरे अनजाने डर को जो तुम्हें खोने का रहता है मेरे दिल में सुनो ना! क्या जानते हो तुम कितना चाहतीं हूँ तुमको मैं