जो मिट ना सके कभी शायद वो एहसास बाकी है बरसेगा जो सावन हमारे इश्क़ मे वो बरसात बाकी है।। यूँ तो दूर तुझसे हर घड़ी जैसे कोई इम्तिहान है लेकिन, तस्सली है की अभी हमारी मुलाकात बाकी है।। ~simran #InspireThroughWriting #tassali #bakihai