शदीद है तेरी मुझे एक मुद्दत से मैं क़तरा तू दरिया है हुस्न की मलिका है तू रश्क़-ए-कमर तेरा गुरुर है मैं भी एक आफ़त हूँ क़यामत हूँ तुझ से कम नहीं एक झलक देख मुझे आफ़ताब से मैं भी कम नहीं 【शदीद- प्रचंड इच्छा, vigourous, intense, आफ़ताब- सूरज】 Challenge-156 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) (रश्क-ए-क़मर का अर्थ है चाँद की इर्ष्या (Envy of the Moon) सीधे शब्दों में अर्थ कि ख़ूबसूरती ऐसी कि चाँद को भी जलन होने लगे) #रश्क_ए_क़मर #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine