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#आत्मीय_आभार_केन्या ❤🙏 मदद करने वाले की #भावना ब

#आत्मीय_आभार_केन्या ❤🙏

मदद करने वाले की #भावना बड़ी होती है केन्या जैसा मित्र देश जिसने 12 टन  अनाज भेजा इसका भी कई प्रकार के लोग मज़ाक बना रहे है लेकिन हम उस भारत के वासी है जहां #सुदामा के मुट्ठी भर चावल पर श्री कृष्ण सब समर्पित करने को आतुर होते है और श्री #राम_सेतु मे  छोटे  छोटे कंकड से सहयोग करती वो #गिलहरी भी इस सनातन की भावना और श्रद्धा को परिभाषित करती है 

#india_love_kenya
केन्या के पास मेडिकल ऑक्सीजन,रेमेडेसिविर इंजेक्शन नही थे.अनाज था.उसने अनाज ही भेज दिया। 
वजह सिर्फ ये थे कि इस मुश्किल घड़ी में वो भारत के साथ खड़ा रहना चाहता था, ताकि कल को जब इतिहास लिखा जायेगा, तो कोई ये तो नही कह सकेगा कि जब दुनिया में आपदा आयी थी तो केन्या ने कुछ नही किया था.
ये कहानी है एक छोटे से,आदिवासियों से भरे देश केन्या की, अफसोस आज देश के कुछ हरामी लोग केन्या और भारत दोनों का मजाक उड़ा रहे है।

विप्र सुदामा तो मात्र तीन मुठ्ठी चावल लेकर भगवान कृष्ण के यहां पहुंचे थे,
अगर ये दोगले उस युग में रहे होते तो यह सुदामा और कृष्ण की मित्रता का भी मखौल उड़ाते।

अबे जाओ नमूनों,,ये केन्या द्वारा प्रेम से दी हुई भेंट तुम लोगों को समझ में नहीं आ सकती है। तुम लोग तो उस बार डांसर और उसके दोनों पिल्लों,पिल्लियों की हगीज और पैंटी चाटो सूअरों।

©Prakash Vats Dubey #sand
#आत्मीय_आभार_केन्या ❤🙏

मदद करने वाले की #भावना बड़ी होती है केन्या जैसा मित्र देश जिसने 12 टन  अनाज भेजा इसका भी कई प्रकार के लोग मज़ाक बना रहे है लेकिन हम उस भारत के वासी है जहां #सुदामा के मुट्ठी भर चावल पर श्री कृष्ण सब समर्पित करने को आतुर होते है और श्री #राम_सेतु मे  छोटे  छोटे कंकड से सहयोग करती वो #गिलहरी भी इस सनातन की भावना और श्रद्धा को परिभाषित करती है 

#india_love_kenya
केन्या के पास मेडिकल ऑक्सीजन,रेमेडेसिविर इंजेक्शन नही थे.अनाज था.उसने अनाज ही भेज दिया। 
वजह सिर्फ ये थे कि इस मुश्किल घड़ी में वो भारत के साथ खड़ा रहना चाहता था, ताकि कल को जब इतिहास लिखा जायेगा, तो कोई ये तो नही कह सकेगा कि जब दुनिया में आपदा आयी थी तो केन्या ने कुछ नही किया था.
ये कहानी है एक छोटे से,आदिवासियों से भरे देश केन्या की, अफसोस आज देश के कुछ हरामी लोग केन्या और भारत दोनों का मजाक उड़ा रहे है।

विप्र सुदामा तो मात्र तीन मुठ्ठी चावल लेकर भगवान कृष्ण के यहां पहुंचे थे,
अगर ये दोगले उस युग में रहे होते तो यह सुदामा और कृष्ण की मित्रता का भी मखौल उड़ाते।

अबे जाओ नमूनों,,ये केन्या द्वारा प्रेम से दी हुई भेंट तुम लोगों को समझ में नहीं आ सकती है। तुम लोग तो उस बार डांसर और उसके दोनों पिल्लों,पिल्लियों की हगीज और पैंटी चाटो सूअरों।

©Prakash Vats Dubey #sand