Nojoto: Largest Storytelling Platform

इटावा (2) यहाँ नेता गिरी झूम के चलती है, कोई नही

इटावा (2)

यहाँ नेता गिरी झूम के चलती है, 
कोई नहीं जानता, किसकी पहुँच कितनी लंबी है, 
यहाँ सब अपनी जुगाड़ ढूंढते हैं और 
उसके चक्कर में न जाने कितनों से मिलते हैं, 
यहाँ दोस्त-दोस्त की जान,   
 क्यूँकि 
पता नहीं कब किससे निकालनी पड़ जाए पहचान!!
 
माना ना मैं कोई नेता, ना कोई मेरी जुगाड़ 
तो क्या मैं नहीं हो पाऊँगी लोगों में ख़ास!! 
अरे serious ना लेना जनाब, 
मेरी जुगाड़ तो इतनी है, जितनी लोगों के पास अठन्नी है !! 


/ शैव्या /
इटावा (2)

यहाँ नेता गिरी झूम के चलती है, 
कोई नहीं जानता, किसकी पहुँच कितनी लंबी है, 
यहाँ सब अपनी जुगाड़ ढूंढते हैं और 
उसके चक्कर में न जाने कितनों से मिलते हैं, 
यहाँ दोस्त-दोस्त की जान,   
 क्यूँकि 
पता नहीं कब किससे निकालनी पड़ जाए पहचान!!
 
माना ना मैं कोई नेता, ना कोई मेरी जुगाड़ 
तो क्या मैं नहीं हो पाऊँगी लोगों में ख़ास!! 
अरे serious ना लेना जनाब, 
मेरी जुगाड़ तो इतनी है, जितनी लोगों के पास अठन्नी है !! 


/ शैव्या /