जब किसी महफ़िल. में रहता हूं, किसी से दिल की बात कहता हूं जब अकेली रात में तारे देखता हूं, भरी ठण्ड में आग में हाथ सेंकता हूं, जब छत पे तन्हा चाय पीता हूं, पूरे घर में जब तन्हा जीता हूं, जब बैठ के अकेला पढ़ाई करता हूं, या रात में बिस्तर पे चढ़ाई करता हूं जब अकेला रोटी के कौन तोड़ता हूं या तेरे संग रहने के सपने जोड़ता हूं तेरी बहुत याद आती है, तेरी बहुत याद आती है, जब आरती. करता हूं तो लगता है की काश तू भी साथ में होती, तेरे साथ लेटे कुछ बातें रात में होती जब शाम. में तन्हा टहलता हूं टीवी देख कर अकेला ही बहलता हूं लगता है की तू साथ होती तो टीवी का भी आनंद अलग होता तू साथ होती तो फाग का रंग अलग होता, काश तुझे अपने हाथों से बनी चाय दे पाता, काश जाते हुए मैं दरवाज़े पे बाय कह पाता, सुबह जब तन्हा उठता हूं, फिर उठके काम में जुटता हूं तेरी बहुत याद आती है तेरी बहुत याद आती है कोई प्यारा गाना सुनता हूं, तेरे संग के सपने बुनता हूं, किसी को गाडी पे संग घूमते देख और गानो पे झूमते देख किसी को आइस क्रीम खाते देख और हाथ पकडे जाते देख जोड़े को पार्क में कंधे पे सर टिकाये देख और कभी एक दूजे को गले लगाए देख तेरी बहुत याद आती है तेरी बहुत याद आती है ❤️❤️❤️🥰🥰😘😘😘😊 ©Abhinav Shrivastava #anchhueyharf #soulmate