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थोड़ा ठहर कर जिंदगी लगी है जीने में, मुसीबतों (कोर

थोड़ा ठहर कर जिंदगी लगी है जीने में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में..

सब दिया उसने (प्राकृति) हमने बस बर्बाद करना सीखा,
सबक सिखाने हमे उसने दर्द दिया तीखा..

खत्म सा कर चुके थे अब छूपना पड़ेगा कोनों में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में..

जो देता है हमे उसे हम कब लौटाना सीखेंगे,
कब तब कुदरती हवा में यू ही जहर का गुल खोलेंगे..

हरियाली को महत्व दो क्या रखा है चांदी सोने में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में..

जन्नत बना के दी थी हम नरक बनाते जा रहे हैं,
सच्चाई के परे देखो हम क्या क्या खा रहे हैं..

वक़्त मिला है बदलने का अब मत लगे रहो बस सोने में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में.. सही समय है अब सोचने का, 
प्राकृति के लिए कुछ करने का.. 

#Stay #home

#stay #safe

#Natureresolve #all #the #problems
थोड़ा ठहर कर जिंदगी लगी है जीने में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में..

सब दिया उसने (प्राकृति) हमने बस बर्बाद करना सीखा,
सबक सिखाने हमे उसने दर्द दिया तीखा..

खत्म सा कर चुके थे अब छूपना पड़ेगा कोनों में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में..

जो देता है हमे उसे हम कब लौटाना सीखेंगे,
कब तब कुदरती हवा में यू ही जहर का गुल खोलेंगे..

हरियाली को महत्व दो क्या रखा है चांदी सोने में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में..

जन्नत बना के दी थी हम नरक बनाते जा रहे हैं,
सच्चाई के परे देखो हम क्या क्या खा रहे हैं..

वक़्त मिला है बदलने का अब मत लगे रहो बस सोने में,
मुसीबतों (कोरोना) का जख़्म और डर लिए सीने में.. सही समय है अब सोचने का, 
प्राकृति के लिए कुछ करने का.. 

#Stay #home

#stay #safe

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