निज भाषा उन्नति अहै,सब उन्नति को मूल, बिनु निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल। अर्थ- निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है तथा अपनी भाषा के ज्ञान के बिना मन की पीड़ा को दूर करना मुश्किल है (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र) #dikkit ©kittuvishal1 निज भाषा उन्नति अहै,सब उन्नति को मूल, बिनु निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल। अर्थ- निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है तथा अपनी भाषा के ज्ञान के बिना मन की पीड़ा को दूर करना मुश्किल है (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र) #dikkit