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#महफिल से उठकर तो कब के चले गये थे #वो, फिर भी उन

#महफिल से उठकर तो कब के चले गये थे #वो, 
फिर भी उनकी #महक फैली रही देर तक। 

#दीदार ए हुस्न से ही मिलती थी दिल को ठंडक, 
फिर भी #चेहरा छुपाते रहे वो आज #देर तक। 

भूल जाता था जो #दिल देख कर उनको धड़कना, 
जाने क्यों बिना देखे ही उनको आज #धड़का है देर तक। 

#दिल टूटने की आवाज तो दिल मे ही दबकर रही, 
जाने क्यों वहाँ इक #सन्नाटा फैला रहा देर तक। 

जलने को तो सभी #दोस्त ही मुझसे जलते रहे, 
देखा जो उनका #हाथ मेरे हाथ में रखा देर तक। 

ना #शिकवा रहा ना ही कोई #शिकायत रही, 
जब होती रही उनसे #रात गुफ्तगू देर तक। 

#बारिश से कह दो कि वह फिर कभी बरसे, 
आज #आँसुओं ने बरसने कि ठानी है #देर तक। 

#चोट खाकर भी आह भर नहीं सका #'प्रीत"
देखा जो उनका #चेहरा मुस्कुराता देर तक।
       
तेरा प्रीत साक्षी 😢 #mehfil_Uthkr_
#Tera_pReEt_SaKsHi_😢
#महफिल से उठकर तो कब के चले गये थे #वो, 
फिर भी उनकी #महक फैली रही देर तक। 

#दीदार ए हुस्न से ही मिलती थी दिल को ठंडक, 
फिर भी #चेहरा छुपाते रहे वो आज #देर तक। 

भूल जाता था जो #दिल देख कर उनको धड़कना, 
जाने क्यों बिना देखे ही उनको आज #धड़का है देर तक। 

#दिल टूटने की आवाज तो दिल मे ही दबकर रही, 
जाने क्यों वहाँ इक #सन्नाटा फैला रहा देर तक। 

जलने को तो सभी #दोस्त ही मुझसे जलते रहे, 
देखा जो उनका #हाथ मेरे हाथ में रखा देर तक। 

ना #शिकवा रहा ना ही कोई #शिकायत रही, 
जब होती रही उनसे #रात गुफ्तगू देर तक। 

#बारिश से कह दो कि वह फिर कभी बरसे, 
आज #आँसुओं ने बरसने कि ठानी है #देर तक। 

#चोट खाकर भी आह भर नहीं सका #'प्रीत"
देखा जो उनका #चेहरा मुस्कुराता देर तक।
       
तेरा प्रीत साक्षी 😢 #mehfil_Uthkr_
#Tera_pReEt_SaKsHi_😢