बात बात पे नाराज़ लोग, खुद बेसमझ ,समझाने आये लोग.. आपबीती कह ,जगबीती सुनाते लोग, कुछ समझदार ,समझाने आये लोग.. लफ़्ज़ों को तोल मोल के देखते लोग फलसफे जीवन के ,समझाने आये लोग.. सहचर पवित्र रिश्तों को तोलते लोग, अर्थ का अनर्थ निकालते ,समझाने आये लोग.. चार लोग हो या दो लोग .. कुछ तो कहेंगे.. #लोगकहतेहैं #दोलोग #चारलोग #कुछतोलोगकहेंगे #लोगों_का_काम_है_कहना #यूंही_अचानक #तूलिका