कितना मजबूर हो जाता है इंसान रिश्ते निभाते-निभाते, खुद को खो देता है अपने को पाते-पाते । लोग थकते नहीं उसपर पर हँसते-हँसते, थक जाता है वो गम-ए-ज़िन्दगी को दबाकर मुस्कुराते-मुस्कुराते ।। उसकी ज़िन्दगी में अरमान बहुत होते हैं , उसका हमदर्द नहीं कोई, हैवान बहुत होते हैं । दर्द-ए-दिल की ज़ुबान खुलती नहीं क्योंकि, जो उसके दिल के करीब हैं, वो ज़ालिम अनजान बहुत बनते हैं ।। आज खुदा भी आँख में आंसू लिए बोल पड़ा... ऐसे ज़ालिम का ऐतबार ना करो, हर पल देता हैं दर्द-ए-रूह तुझे, इससे कुछ भी इज़हार ना करो। मिट जाओ बेशक अकेले रहकर, पर ऐसों ज़ालिमों का कभी इंतज़ार ना करो ।। #yqristey #yqzindagi #yqdhokha #yqdil #yqzalim #yqdidi #yqbhaijan #yqbaba